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Vriksharopan aur Paryavaran Sanrakshan
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पर्यावरण का अर्थ है - हमारे आसपास का समूचा प्राकृतिक परिवेश जैसे - वायु, भूमि, जल, वन, पेड़-पौधे, फल व जीव-जन्तु। जो भी हम अपने चारों ओर देखते हैं, यहाँ तक कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के आकाशीय पिंड भी पर्यावरण का निर्माण करते हैं। समस्त प्राणीजगत् व वनस्पति जगत् का आधार पर्यावरण ही है। ईश्वर ने पर्यावरण के विभिन्न घटकों के मध्य एक ऐसा संतुलन बनाया ताकि हमारा जीवन सुख-शांति से व्यतीत हो सके।
परन्तु मानव ने अपनी अबाधित व असंयमित लोभ-लालसा की पूर्ति हेतु इस दिव्य संतुलन को बिगाड़ दिया। आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या है - पर्यावरण प्रदूषण। भारतीय संस्कृति व दर्शन में पर्यावरण के विभिन्न अवयवों - नदी, पर्वत, वृक्ष, वनस्पति व जीव-जन्तु को देवतुल्य मानकर उनकी पूजा-उपासना की गई है व उनके अनुशासित व संतुलित उपभोग पर विशेष बल दिया गया है।
वृक्षारोपण द्वारा कैसे हम पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं व इससे जुड़ी प्रत्येक जानकारी इस पुस्तक में समाहित है।
Product Details | |
Pages | 24 |
Binding Style | Paper Back |
Language | Hindi |
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