Brand: Suruchi Prakashan
Product Code: Suruchi-3720
Availability: In Stock
₹ 299

आज जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है, ऐसे में यह अद्वितीय कृति संघ के विविध विषयों पर उसके चिंतन को प्रतिबिंबित करने वाला एक समयानुकूल दर्पण बनकर सामने आती है। यह पुस्तक संघ के भीतर से उसकी सोच को समझने का एक अवसर प्रदान करती है, एक ऐसी दृष्टि जिसमें ‘भारत’ की उस अवधारणा का सूक्ष्म विश्लेषण है, जिसे हमारे प्राचीन ऋषि—मुनियों ने प्रतिपादित किया, जिसे अनेक पीढ़ियों ने अपने जीवन में आत्मसात किया, और जो मानव अस्तित्व की विराट योजना में अपने पूर्ण स्वरूप में प्रकट होने वाली है। इस पुस्तक के माध्यम से भारतीयता की गहराई, धर्म, स्वत्व, हिन्दुत्व और सनातन जैसे जटिल विचारों पर गहन विमर्श के माध्यम से उजागर होती है। उपनिषदों से लेकर समकालीन महान व्यक्तित्वों के जीवन तक के उदाहरणों के माध्यम से लेखक भारत की आत्मा को पुनः जागृत करते हैं और ‘सेक्युलरिज्म’, ‘लिबरलिज्म’ तथा ‘अखण्ड भारत’ जैसी बहुचर्चित समकालीन अवधारणाओं पर अपनी गहन दृष्टि प्रस्तुत करते हैं। डॉ. वैद्य की सरल भाषा, प्रसंगों से भरी शैली में किया गया विवरण, विद्वत्ता और भारतीय समाज से उनका जीवंत जुड़ाव पाठक को गहन चिंतन में ले जाते हैं कि हम कौन हैं और हमें बनना क्या है ?

Product Details
ISBN 9789391154714
Pages 288
Binding Style Paper Back
Language Hindi
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