Brand: Suruchi Prakashan
Product Code: Suruchi-3178
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संघ संस्थापक प॰पू॰ डॉ॰ हेडगेवार जी के देहावसान के पश्चात् 1940 में पूजनीय माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर (श्री गुरूजी) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक बनेI प्रतिभासम्पन्न व्यक्तित्व, तेजस्वी व ऋषितुल्य  जीवन, निर्भय, अडिग, कुशल नेतृत्व, दूर-दृष्टि, सादगी, परिश्रम, आत्मीयता व संवेदनशीलता - श्रीगुरुजी इन गुणों से ओतप्रोत थेI लाखों स्वयंसेवकों के ह्रदय पर श्रीगुरुजी के स्नेही व प्रेरणादायक व्यक्तित्व ने अनूठी छाप छोड़ीI

विभिन्न विषयों पर श्रीगुरूजी की  सटीक व संतुलित दृष्टि थीI लगभग एक दशक पूर्व उनके विचारों, लेखों, भाषणों तथा संस्मरणों का संग्रह ‘श्रीगुरुजी समग्र ’ 12 खण्डों में प्रकाशित हुआI समग्र दर्शन में विभिन्न समसामयिक तथा राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर उनके विचार समाहित हैंI समय समय पर उठने वाले प्रश्नों तथा समस्याओं का समाधान भी इस समग्र का विषय हैI ‘श्रीगुरुजी समग्र ’ का संक्षिप्त दर्शन है - ‘श्रीगुरुजी - दृष्टि और दर्शन’

 
Product Details
Pages 360
Binding Style Hard Back
Language Hindi
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